हमारे सिर पर लगभग दस लाख तक बाल होते हैं, वे हमारी त्वचा के बहुत छोटे-छोटे छिद्रों से उगते हैं। इन छिद्रों को फोलिकिल्सथ कहते हैं। हमारे सिर के बाल एक वर्ष मे लगभग 15 सेंटीमीटर की गति से बढते हैं। जब हमारा शरीर बढना बंद हो जाता हैं तब भी बाल बढते रहते हैं। लेकिन उम्र होने के साथ-साथ बालों का रंग भी बदलने लगता हैं। वृद्धावस्था में सभी लोगों के बाल सफेद हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों के युवावस्थो में ही सफेद हो जाते हैं।
क्या आप जानते है कि बाल सफेद क्यों होते हैं? बाल सफेद होने के कारणों में से वृद्धावस्था एक मुख्य कारण हैं। हमारे बालों का काला रंग मेलानिन नामक पिगमेंट के कारण होता हैं। यह पिगमेंट बालों की कोशिकाओं मे आता रहता हैं। जैस-जैसे आदमी को बुढापा आता है, इस पेगमेंट का बनना कम होता जाता है। परिणाम यहं होता हैं कि बाल सफेद होना शुरू हो जाते हैं। और इनकी संख्या बढती जाती हैं। युवावस्था में बालों का सफेद होना एक पैतृक गुण हैं।
जिन लोगों के बाल लगभग 20 वर्ष की उम्र में ही सफेद होने लगते हैं, उनके पुरखों के बाल भी इसी उम्र में सफेद हुए होंगे। उचित पोषक तत्त्वों की कमी, सदमा, चिन्तां और शोक के कारण भी बाल सफेद होते हैं। इन परिस्थितियों में मेलानिन का उत्पादन कम होता हो जाता हैं, अत: बाल सफेद होने लगते हैं।