26 Apr 2024, 02:57:10 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

-विवेक त्रिपाठी
लेखक समसामयिक विषयों पर लिखते हैं।


भारत ग्रामीण बहुलता का देश है। प्रत्येक बड़े बदलाव में गांवों को शामिल करना अपरिहार्य है। कैशलेस व्यवस्था की ओर बढ़ना समय की अवश्यकता है। इसके मद्देनजर प्रयास तेज करना होगा। इस दिशा में भारत को अभी लंबी यात्रा तय करनी है। सरकार को इसके लिए कारगर कदम उठाने होंगे। इन दिनों कैशलेस बैंकिंग की देशभर में चर्चा है। नोटबंदी की मार सबसे ज्यादा ग्रामीणों को झेलनी पड़ रही है। गांव में अधिकांश लोगों के पास चेक या एटीएम नहीं है। पैसे के लेन-देन के लिए बैंक व एटीएम पर लंबी लाइन लगानी पड़ती है। लाइन व भीड़ से बचने के लिए कैशलेस नेट बैंकिंग का प्रयोग करना अभी उनके लिए दूर की कौड़ी है। छोटी-छोटी दुकानों पर अभी इसकी कोई जानकारी नहीं। वह स्वाइप मशीन तक भी नहीं जानते हैं।

किसानों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। वे इस तकनीक के बारे में सुनकर बड़े ही असमंजस में दिखाई दे रहे हैं। उनका कहना है कि बिना नकदी के बाजार से कोई भी काम नहीं कर सकते। बड़े दुकानदार तो स्वाइप मशीन आदि रख सकते हैं, लेकिन छोटे दुकानदार से सामान बिना नकदी के कैसे खरीदेंगे। उनके लिए ये परेशानी है, क्योंकि वे ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं। किसानों के लिए आसान तकनीक तैयार करनी चाहिए।

ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक पर्याप्त मोबाइल कवरेज नहीं है, न ही ग्रामीण मोबाइल ठीक से चलाना जानते हैं। नोट बंदी के बाद लोग बैंकों एवं एटीएम की लाइन लगी है। अभी नोटों की आपूर्ति ठीक से नहीं हो पाई है। अब कैशलेस लेनदेन की बात चलने लगी है। बैंक तो बाकायदा इसके लिए व्यवसायियों से मिलकर स्वाइप मशीन लगवाने संपर्क में जुट गए हैं।

कैशलेस प्रणाली का आरंभ गांवों से बेशक शुरू किया जाना चाहिए, क्योंकि गांवों में इतने लोग शिक्षित नहीं है जो अचानक से कैशलेस प्रणाली के लिए तैयार हो जाए। कैशलेस फिलहाल ग्रामीणों के लिए सबसे बड़ी समस्या है। ग्रामीणों को कैशलेस करना बहुत कठिन काम है, लेकिन असंभव नहीं है। यह समय की जरूरत भी है। इस अभियान की शुरुआत एक मिशन को रूप में करना चाहिए।

इस बारे में बैंकों को आगे आना चाहिए। सरकार ने अपने सांसदों के माध्यम से जिस प्रकार गांव गोद लेने के लिए योजना बनाई थी, उसी प्रकार कैशलेस प्रणाली के लिए सभी सांसदों-विधायकों को आगे आकर उन्हें जागरूक करना चाहिए। बैंकों को भी इसमें रुचि लेनी चाहिए। जिससे वह जागरूकता की ओर आगे बढ़े। साथ उन्हें सावधानी से इस प्रणाली को समझाना चाहिए, जिससे उनके साथ ठगी न हो सके।

किसानों के लिए खाद, बीज की दुकानों में भी स्वाइप मशीनें रखने की जरूरत है। मशीनों का मिलना असान किया जाना चाहिए। जिससे ग्रामीणों को ज्यादा दिक्कतें न उठानी पड़ी। उन्हें सारे सिस्टम को हिंदी भाषा में ही समझाना होगा, जिससे वह आसानी से समझ सके। तब यह मिशन कुछ सफलता की ओर बढ़ सकता है।

उन्हें बताना होगा कि इंटरनेट के जरिए बैलेंस चेक करना, पैसे ट्रांसफर करना आसान है। नेट बैंकिंग के जरिए बिजली और मोबाइल बिल भी भर सकते हैं। साथ ही उन्हें यह भी समझाने की जरूरत है कि नेट बैंकिंग का यूजर नेम और पासवर्ड किसी से साझा न करें। नेट बैंकिंग के लिए बैंक में अकाउंट होना जरूरी है। 

इसके लिए अलग से एक-एक ग्राम पंचायतों में टोली बनाने की अवश्यकता है। जो इस माध्यम को ग्रामीणों और किसानों को समझा सकें। बैंकों और जनप्रतिनिधियों को इसमें ज्यादा बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने की जरूरत है। ग्रामीणों के हर छोटे-बड़े काम इससे होने लगेंगे और उन्हें घर बैठे इस तरह की सुविधाएं मिलने लगेंगी तो ग्रामीण ज्यादा जागरूक होंगे।

गांवों और पंचायतों, ब्लाकों में जागरूकता शिविर लगाए जाने की आवश्यकता है।  ग्रामीणों को कैशलेस कैसे बना जाए और प्लास्टिक मनी का उपयोग कैसे किया जाए। साथ ही मोबाइल द्वारा ई- वॉलेट से जोडे जाने की व्यवस्था आसान तरीके से किए जाने की अवश्यकता है।

कृषि के सारे संसाधनों में ग्रामीणों के लिए कैशलेस व्यवस्था में छूट देने की जरूरत है। जिससे ग्रामीण आकर्षित होकर इस ओर जागरूक हों। सरकारों को सारे मतभेद भुलाकर अपने-अपने तरीकों से ग्रामीणों को प्रशिक्षित और जागरूक करें। जिससे पूरे सिस्टम में पारदर्शिता आ सके। मजदूरों को हर क्षेत्र में ज्यादा छूट देने की जरूरत है। जिससे उन्हें काम करने में कठिनाई न हो। नोटबंदी के बाद से सरकार हर दिन नए नियम बना रही है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में काफी कठिनाई हो रही है। इस बात का खास ख्याल रखने की जरूरत है। नियम ऐसे बनाए जाए तो आसानी से गांवों और पंचायतों में लोग पालन कर सके। वरना पूरी व्यवस्था चौपट हो जाएगी।

सरकार अपने हर विभाग में कैशलेस के लिए ग्रामीणों के सरल नियम और उपहार के साथ बनाए तो लोग इस ओर ज्यादा आकर्षित होंगे। प्लास्टिक मनी से किसानों और ग्रामीणों को क्या-क्या लाभ हो सकता है। इस ओर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। गांव की सभी दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में जागरूकता की आवश्यकता है। गांव में ग्राहक सेवा केंद्रों की और ज्यादा स्थापना की जाए। उसमें कैशलेस प्रशिक्षित युवा हों जो ग्रामीणजन को इससे अवगत करा सकें। बिना ग्रामीणों को जागरूक किए कैशलेस होना संभव नहीं है। इसके लिए सरकार बहुत ज्यादा मात्रा में जनजागरूकता लाने की आवश्यकता है।

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