19 Apr 2024, 08:59:19 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

-वीना नागपाल

पति-पत्नी में बहुत लड़ाई हुई, वैसे तो यह विवाद होता ही रहता था पर आज बात बहुत बढ़ गया था। इस विवाद में मार-कूट तक तो विवाद पहुंचता ही था। पति शराब पीकर घर आता और पत्नी के लिए उसकी यह मदहोशी जो प्राय: सीमा से बाहर ही चली जाती सहन करना कठिन हो जाता था। पत्नी गलती पर नहीं थी पर, उसके पति को क्रोध में डांट-डपट करने पर बात बहुत आगे बढ़ जाती। उस दिन भी ऐसा ही हुआ। पति का गुस्सा सातवें आसमान पर था इसी क्रोध में वह तेजी से लपका और उसने बिस्तर पर सोए अपने सात माह के पुत्र को उठाया और जमीन पर पटक दिया। यह एक दर्दनाक दृश्य था। मां चीख पड़ी पर, वह अब कुछ नहीं कर सकती थी कि पुलिस में जाकर इस हादसे की शिकायत करे। उसने वही किया जिसकी खबर बनी और सबने उसको पढ़ा। एक और इसी तरह की पीड़ादायी घटना में पिता ने पत्नी से विवाह होने पर अपने हाथों से ही अपनी दूधमुंही बच्ची का गला घोंट दिया। एक पिता ने इसी तरह गुस्से में अंधा होकर अपने दो या तीन साल के बच्चे के मुंह में जबरदस्ती कीटनाशक उडेÞल दिया। जाहिर है कि थोड़ा बहुत तो वह जहरीला पदार्थ बच्चे ने गटक ही लिया होगा जो कि उसके लिए जानलेवा साबित हुआ। दो दिन पहले एक ऐसा ही समाचार पढ़ा। वह एक अच्छा सम्मानीय परिवार था। पत्नी को पता चला कि पति का विवाहेत्तर संबंध हो गया है। दोनों में बहुत विवाद हुआ। पत्नी अपने बेटे को लेकर मायके चली गई। छह महीने बीत गए। इस बीच सुलह-सफाई की कोशिश दोनों ओर से चलती रही। दिवाली का त्योहार समीप आ गया। पत्नी सुलह के अंतर्गत ही अपने 10 वर्षीय पुत्र के साथ पति के पास लौट आई। उसे आकर पता चला कि पति का विवाहेत्तर संबंध तो बहुत आत्मीय हो चुका है। दोबारा विवाद हुए। एक दिन इसी झगड़े के चलते पति अत्यंत क्रोधित हो उठा। बेटा अपनी मां से लिपट रहा था। पति से उसकी मां से नजदीकी देखी न गई। उसने मच्छर मारने वाला स्प्रे उठाया और बेटे के चेहरे पर पूरे जोर से छिड़क (स्प्रे) दिया। उसका चेहरा व आंखें पूरी तरह जलने लगीं। बच्चे का कराह भरा रूदन फूट पड़ा। पिता का यह कैसा व्यवहार है? यह उनके पिता के स्वरूप के कतई अनुरूप नहीं है। पिता तो बच्चों को गोद में नहीं बल्कि कंधों पर उठाए फिरता है। मां की गोद होती है तो पिता का कंधा बच्चों को सुरक्षा देता है, परंतु आजकल पिता का क्रोध इतना हद से बाहर क्यों हो रहा है कि उसे अपनी संतान के प्राण लेने में कोई हिचकिचाहट नहीं रही। यह क्रोध तो नपुंसक है जो अपने बच्चों की हत्या करने के अंधेपन से घिरा हुआ है। पति-पत्नी का यह कैसा विवाह है कि उस पति का गुस्सा अपने बच्चे की हत्या करने पर ही समाप्त होता है? बच्चे दोनों के हैं। पिता के स्नेह की छांव मिले इसलिए इस क्रोध पर काबू पाएं।

[email protected]

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »