26 Apr 2024, 02:09:47 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

-वीना नागपाल

इन दिनों टीवी के एक चैनल पर हंसती-खिलखिलाती व खुशमिजाज तथा दूसरों को भी गुदगुदा कर हंसाने चाली इच्छाधारी नागिन दिखाई दे रही है। वैसे भी टीवी के चैनल्स पर नागिनों की भरमार है। कभी वह अपनी जबान लपलपाती हैं तो कभी ऐसे कारनामे करती हैं कि ‘‘बदले की भावना’ की परिभाषा ही बदल जाए। वह कोई ऐसा मौका नहीं छोड़तीं, जिसमें उनकी बदले की भावना पूरी नहीं हो।

बहुत तलाश करने पर और जानकारी जुटाने पर भी ऐसी नागिन आपको और हमें अभी तक तो नहीं दिखी कि कभी वह महिला बन जाए और कभी व सरसराती नागिन बन जाए और यह तय कर ले कि चाहे वह महिला के रूप में हो या नागिन के रूप में पर बदले की भावना कभी नहीं छोड़ेगी, बल्कि यहां तक कि वह ऐसे मौके स्वयं ही बनाएगी जिनमें वह भरपूर बदला ले सके। इन विष भरी नागिनों की सफलता देखकर अब ऐसी नागिन भी पर्दे पर उतारी गई है, जिसे कॉमेडी करने में मजा आता है और वह शायद अपने इस प्रस्तुतिकरण बहुत हैरत भरा है। दिखाई जाने वाली उस दुनिया की नागिनें बहुत ही पॉवरफुल हैं। वह अपने साथ किए गए अन्याय-अर्थात उनके अति प्रिय साथी नाग के मारे जाने पर अथवा उनकी पूंछ पर अनजाने में पैर रख देने पर वह किसी को माफ नहीं करतीं। वह तुरंत क्रोधित हो उठती हैं फिर कहते हैं कि लाख पर्दों में भी छिप जाओ पर वह बदला लेकर ही छोड़ती हैं। वह मानव समाज की महिलाएं नहीं है कि चुपचाप किसी अन्याय को देख लें तो उसकी छवि आँखों में लिए-लिए ही वह उसे खोज ही डालती हैं।

दूसरी ओर उनकी दुनिया के नाग बहुत ही निष्क्रिय हैं। उन्हें कोई अंतर नहीं पड़ता कि उनकी प्रिय साथी नागिन को कोई चोट पहँुचा दे या उसका जीवन ले लें। वह बदला लेने के मूड में आते ही नहीं है और न ही उस व्यक्ति की खोज करने में मीलों नाप डालते हैं कि वह उसे खोज कर ही दम लें और उससे अन्याय का पूरा-पूरा बदला ले लें। यहाँ भी उनका जगत मानव संसार से अलग ही है। मानव समाज का पुरुष बहुत क्रोधी और अपने छद्म बल के नशे में घिरा होता है। यह अलग बात है कि वह इसका प्रयोग अपनी जीवन साथी अर्थात पत्नी के साथ होने वाले अन्याय के विरुद्ध नहीं करता बल्कि अधिकांश मामलों में तो उसकी सहमति ही होती है कि उसकी पत्नी के साथ उसके संबंधी जितना भी अन्याय कर लें कम है। वह स्वयं भी इसमें पूरे जोश से शामिल होता है। इस अन्याय के कारण यदि उसकी पत्नी आत्महत्या कर लेती है या उसे उसके संबंधी मार ही डालते हैं तब भी वह महिला चुपचाप मौत को भी गले लगा लेती है। वह नागिन नहीं है कि यदि उसे कोई आहत करे या चोट पहुंचाएं अथवा उसके प्रिय साथी को उससे छीन ले तो वह क्रोधित होकर उससे बदला अवश्य ले लेगी।

मानव जगत में स्त्री बहुत नि:सहाय व शक्तिहीन बना दी गई। उसे इस काबिल ही नहीं छोड़ा गया है कि वह अपने विरुद्ध होने वाले अन्याय को कतई सहन नहीं करें। वह ऐसी हो कि यदि कोई ऐसा करता भी है तो वह ऐसा बदला ले कि दोबारा उसके साथ कोई भी अन्याया नहीं कर सके। वह नागिन का रूप धर कर प्रत्येक उस व्यक्ति को सबक सिखाने की क्षमता रखे। नाग पंचमी के दिन वास्तव में नागिनों को ही पूजा जाए और उनसे शक्ति का पाठ पढ़ने की प्रेरणा ली जाए। टीवी पर चाहे बदला लेने वाली नागिनों या हंसाने वाली इच्छाधारी नागिन दिखाई जाए पर एक बात इनसे सीखने की गुंजाइश इन सीरियल्स में अवश्य है। पहला कि अन्याय न सहें और दूसरा जीवन का भरपूर आनंद उठाएँ।

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