20 Apr 2024, 17:40:32 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

-वीना नागपाल

वही हुआ जिसे लेकर कई विशेषज्ञ चेतावनी दे चुके हैं कि सोशल मीडिया पर इतना भरोसा न करें। पर, युवा हैं कि मानते ही नहीं हैं और अपनी बातें दूसरों वह भी अनजान और अपरिचितों के साथ शेअर करने के लिए इतने उत्सुक हैं कि वह तुरंत उनसे निकटता बढ़ा बैठते हैं। इसके इतने दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं कि लगभग एक विचलित करने वाला माहौल बन रहा है।

इस समाचार को अगर यहां दोहरा दिया जाए तो बात की गंभीरता और भी भली प्रकार से समझ में आ जाएगी। वह होनहार युवती अपने स्वर्णिम भविष्य की तैयारी कर रही थी। सोशल मीडिया पर अपरिचित से मित्रता कर बैठी। पहले तो वह बदनीयत युवक अपनी युवती के रूप में पहचान व परिचय देता रहा और जब उसे लगा कि उसकी आत्मीयता बढ़ गई है तब उसने अपनी वास्तविक पहचान बताई। जाहिर है कि युवती को इससे बहुत बुरा लगा और उसने यह मित्रता तोड़ना चाही। परंतु आजकल के युवक इतने अहमवादी, आत्मकेंद्रित और स्वार्थी हैं कि वह इस न को समझना ही नहीं चाहते। उन्हें तो अपनी पसंद की हर बात मनवाने और उसे प्राप्त करने की लालसा व लोभ चरम पर है। अब युवक उस युवती के पीछे पड़ गया। उसके घर तक पहुंच गया। उसके घर पर उसने अंतत: अपनी अंधी लालसा के कारण उसकी हत्या कर दी। बीच का घटनाक्रम बताने की जरूरत नहीं है, केवल इतना समझ लेना पर्याप्त होगा कि उस युवक का उस युवती के प्रति कोई प्रेम नहीं था। प्रेम में अपने प्रेम पात्र से इतनी क्रूरता कभी नहीं करवा सकता। इतनी विभत्स भावना रखने वाला युवक इतना स्वार्थी और लोभी था कि वह उस युवती को एक वस्तु की भांति प्राप्त करना चाहता था और उसे अप्राप्त होने की बात जब आई तो वह हिंसक हो उठा। यदि वह युवती उस युवक को हां भी कर देती तो भी इस संबंध के दुष्परिणाम ही सामने आना थे। ऐसी हिंसक प्रवृत्ति वाला युवक कब किसी को सुखी रख सकता है?

सोशल मीडिया का यह दुष्परिणाम स्वयं में अपवाद नहीं है। कई युवतियां इसके भ्रम जाल में फंसकर अपना जीवन और भविष्य दांव पर लगा रही हैं। फेसबुक के माध्यम से तथा चैटिंग के दुरुपयोग से युवतियों के साथ जबरदस्त धोखा हो रहा है। वह भावना में बहकर एक अनजान व्यक्ति के इतने करीब हो जाती हैं कि बाद में वह उस छदम व्यक्ति से निकटता के कारण अपना सब कुछ गंवा बैठती हैं। आजकल ऐसे समाचारों की भरमार हो रही है, जिसमें युवतियां प्राय: यह शिकायत दर्ज करवा रही हैं कि वह फेसबुक या सोशल मीडिया के अन्य माध्यम से किसी पुरुष के इतना निकट आ गई कि उसने उन्हें हर प्रकार से छला व उनके साथ धोखा किया और उनका सब कुछ लूटकर उन्हें बीच राह में छोड़कर चला गया।

युवतियों को एक ही सुझाव दिया जा सकता है कि सोशल मीडिया को अपना मित्र तथा हमराज बनाने से बचें। इस मशीन पर यांत्रिक सोच ही दिखाई देती है, इसमें पर पीड़ा को समझने तथा किसी को संवेदना या भावना से खिलवाड़ करने की पूरी छूट है। एक यंत्र का माध्यम कैसे आपका मित्र या आत्मीय हो सकता है? यह एक प्रकार छलावा है जो स्क्रीन पर तो आकर्षक लग सकता है पर, वास्तविकता में उससे कोसों दूर भी हो सकता है। आपके पास इतने जाने-पहचाने चेहरे हैं, इतने आत्मीय जज मौजूद हैं, परिचितों का जमावड़ा है, उन पर ही भरोसा करें। मशीन तो मशीन है- कभी भी साथी नहीं बन सकती। जब धोखे का पता चल जाए तो तुरंत साइबर क्राइम ब्रांच में सूचित करें।

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