25 Apr 2024, 16:14:53 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

-ध्रुव गुप्त
पूर्व आईपीएस अधिकारी


पहले सिंधु ट्रीटी, बाद में सार्क और अब सर्जिकल आॅपरेशन, यकीनन भारत ने उरी हमले के कुछ ही दिनों के अंदर पाकिस्तान को कूटनीतिक स्तर से लेकर मिलिट्री एक्शन में बुरी तरह से घेर लिया है। कुल मिलाकर सिंधु, सार्क और सर्जिकल आॅपरेशंस तीन वाकयों में ही पाक हांफने लगा है।

देखा जाए तो कारगिल युद्ध के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा से गुरुवार को  पहली बार कोई अच्छी खबर आई है। भारतीय सेना के डी.जी.एम.ओ. के अनुसार नियंत्रण रेखा के पार भारत में घुसपैठ के लिए तैयार बैठे सौ-डेढ़ सौ पाक आतंकियों के एकत्र होने की सटीक सूचना पर भारतीय सेना के स्पेशल कमांडो फोर्स के जवानों ने बुधवार देर रात पाक अधिकृत कश्मीर में तीन किमी भीतर घुसकर न सिर्फ छह आतंकी कैंपों को ध्वस्त किया, बल्कि बहुत सारे आतंकियों को भी मारा और सकुशल वापस लौट आए।

इधर, यह भी खबर है कि आतंकियों की ढाल बनने की कोशिश में कुछ पाकिस्तानी सैनिक भी हताहत हुए। नुकसान की पूरी सूचना तो अभी नहीं मिली है, लेकिन सूत्रों के अनुसार इस आॅपरेशन में करीब अड़तीस आतंकी और पाक सैनिक मारे गए हैं। पाकिस्तान यह तो नहीं मानेगा कि उसके यहां आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप भी थे या वहां कोई आतंकी मारा भी गया है, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया भारत के इस सर्जिकल हमले में अपने दो फौजियों के मारे जाने की बात कह रहा है। यकीनन, युद्ध कोई नहीं चाहता, लेकिन हम सबकी इच्छा थी कि भारत दुनिया में कूटनीतिक तौर पर पाक को अलग-थलग करने के अलावा सीमित सर्जिकल आॅपरेशन चलाकर पाकिस्तान को कड़ा संदेश जरूर दे। आज देश के लगातार आहत होते स्वाभिमान पर थोड़ा-सा मरहम जरूर लगा है।

बहरहाल, भारत के इस आॅपरेशन के बाद पाकिस्तान मीडिया के हवाले से खबर आई है कि पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने इस हमले की निंदा की है। उन्होंने ये भी कहा है कि शांति की पहल को हमारी कमजोरी ना समझा जाए।

इधर, दो जवानों को गंवाने पर नवाज शरीफ का कहना है कि वतन के लिए जान देने वाले जवान शहीदों को शानदार अकीदत पेश करते हैं। भारत हमारी हमसायगी का गलत मतलब न निकाले। हमारी अमन की ख्वाहिश को कमजोरी न समझा जाए। आइंदा अगर इस तरह की कार्रवाई हुई तो पाकिस्तान इसका जवाब देने की सलाहियत रखता है।

यकीनन, अमन और शांति की बात करने वाले पाकिस्तान के लिए इससे ज्यादा कुछ भी करने और कहने के लिए नहीं है। बहुत से लोग यह सोच रहे होंगे कि पाक कोई प्रतिक्रिया करेगा, लेकिन केंद्र सरकार की कूटनीतिक तौर पर सार्क सम्मलेन रद्द कराने में सफलता और पाक को दक्षिण एशिया में अलग-थलग करने की सफल होती कोशिश के बाद पाकिस्तान ऐसी कोई भी कार्रवाई करने से पहले दो बार सोचेगा।

दरअसल, इसकी कुछ वजहें हैं। जाहिर है कूटनीतिक स्तर पर देखा जाए तो अमेरिका पहले ही यह बयान दे चुका है कि पाक अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकी हमलों के लिए न होने दे, यानी भारतीय सेना द्वारा कैंपों पर की गई कार्रवाई एक तरह से आतंकियों को ही नेस्तनाबूद करने का आॅपरेशन था, यानी कि इससे यह बात साफ हो जाती है कि पाकिस्तान पूरी दुनिया में आतंकियों की पनाहगाह बन चुका है। जैसा कि पहले कहा, ये बेहद मुश्किल होगा कि पाकिस्तान ये मान ले कि वो आतंकी कैंप ही थे जिन्हें इंडियन आर्मी ने निशाना बनाया। यकीनन ये पाकिस्तान के लिए बड़ी गफलत वाली स्थिति है। बता दें कि अमेरिका ने भी एक समय पाकिस्तान के एबटाबाद में जाकर दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी ओसामा बिन लादेन को ऐसे ही मिलिट्री आॅपरेशन में मार गिराया था।

खैर, देखा जाए तो इंडिया के इस कदम के बाद पाकिस्तान के पास अब केवल कोरी बयानबाजी के अलावा कुछ नहीं होगा, क्योंकि भारत के साथ किसी भी तरह के युद्ध की प्रतिक्रिया का उसे अंदाजा है। फिलहाल तो भारत के सख्त रुख अपनाते ही पाकिस्तान हांफने लगा है।बहरहाल, भारत की सरकार और भारतीय सेना, विशेषकर उसके स्पेशल कमांडो फोर्स के जवानों को बहुत बधाई!

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