28 Mar 2024, 17:46:00 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

-प्रभात झा
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद


भारत में नरेंद्र मोदी के पहले जितने प्रधानमंत्री हुुए थे, उनका जन्म आजादी के पहले हुआ था। नरेंद्र मोदी  भारत की आजादी के बाद पैदा होने वाले पहले प्रधानमंत्री बने। वे नई पीढ़ी के प्रतिनिधि हैं। आजादी के बाद जितने लोग पैदा हुए हैं, वे उन्हें सहज अपना प्रतिनिधि मानते हैं। देश में अब तक 15 प्रधानमंत्री बने हैं, उनमें से प्रधानमंत्री बनने से पूर्व वीपी सिंह और एचडी देवगौड़़ा क्रमश: उत्तरप्रदेश और कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। नरेंद्र मोदी  प्रधानमंत्री बनने के पूर्व एक दशक से अधिक गुुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं। जब वे मुख्यमंत्री थे, तब गुजरात के चहुंमुखी विकास ने मोदी को अखिल भारतीय छवि प्रदान की।

वे जब संघ के स्वयंसेवक बने, वे जब संघ के प्रचारक निकले, वे जब गुजरात भाजपा के संगठन मंत्री बने, वे जब राष्ट्रीय मंत्री बने, वे जब राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बने, तब तक किसी को इस आशय की खबर तक न थी कि नरेंद्र मोदी में शासन-प्रशासन चलाने की अद्भुत क्षमता होगी, लेकिन जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो देश के सभी मुख्यमंत्रियों में उनका श्रेष्ठ स्थान बना। मुख्यमंत्री रहते वे अनेक झंझावतों से जूझते, गोधरा-गुजरात कांड को लेकर उन पर क्या-क्या आरोप नहीं लगाए गए, लेकिन गुजरात के जन-जन के मन में वे निरंतर विकास का कमल खिलाते रहे और यही कारण रहा कि एक बार नहीं, दोे बार नहीं, तीन बार नहीं, चौथी बार भी वे गुजरात में सरकार बनाने में निरंतर सफल होते रहे। राज्य से राष्ट्र के पटल पर आना, उनकी नियति बन चुकी थी, भारतीय जनता पार्टी  को भी अटल बिहारी वाजपेयी की अस्वस्थता के बाद एक ऐसे महान व्यक्तित्व की आवश्यकता थी, जिसका बाट राज्य जोह रहा था। संगठनात्मक जौहरियों ने संगठन की कसौटी पर नरेंद्र मोदी  को जांचा, परखा, देखा और पाया कि यह तोे अनमोल हीरा है। भारत मां की सेवा इनके हाथों अवश्यंभावी है। 17 सितंबर 1950 को गुजरात के मेहसाणा के वडनगर स्थान पर पैदा हुए नरेंद्र मोदी अति गरीब परिवार के थे, पर उन्होंने मातृसेवा में गरीबी को आड़े नहीं आने दिया। संघर्ष  किया, संपर्क  किया, संवाद किया और धीरे-धीरे उनकी मूल वृत्ति मां भारती की सेवा की ओर बढ़ती  गई। उन्होंने अल्पायु में यह सिद्ध किया कि अगर मातृ-वंदना करनी है तो उन्हेंं कोई रोक नहीं सकता। आज वे देश के प्रधानमंत्री हैं। निश्चित ही उन्होंने अपनी जीवन-यात्रा में अनेक उतार-चढ़़ाव देखे होंगे, पर उन्होंने मां भारती और जन-गण की सेवा में कभी कोई कमी नहीं छोड़ी, जब जहां जैसा अवसर मिला, वे जुनून से जुटते चले गए।

गोवा में भाजपा की कार्यकारिणी, चुनाव अभियान प्रमुख के नाते उनके नाम की घोषणा और उसके बाद भारत की जनता से मुखातिब होने की दिशा में 18 से 20 घंटे की अटूट मेहनत ने न केवल भाजपा को बढ़ाया, बल्कि देश की जनता के मन में विश्वास की एक अखंड ज्योति जलाई। प्राप्त जनविश्वास के जनादेश से उनका आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने भारत के भाल पर नव-नूतन इतिहास लिखना शुरू कर दिया। लोग आज उनकी सरकार के लिए गए फैसलों से कह रहे हैं कि अब गरीब नहीं, गरीबी मिटने ेवाली है। गरीबों की आस जगी है। उन्हें अपने जीवन में उत्थान दिखा है। अटलजी की सरकार के बाद मोदी सरकार देश की पहली सरकार है, जिसके क्रियाकलाप कार्यक्रम, योजना एवं नीतियों में भारत की संस्कृति, लोकभावना एवं जीवन मूल्य परिलक्षित होते हैं। मोदी सरकार की प्राथमिकता में भारत, भारतीय और भारतीयता है। मात्र दो वर्ष चार माह के भीतर विश्व में भारत की स्वीकार्यता जितनी बढ़ी है, शायद आजादी के बाद बीते 68 वर्षों में नहीं बढ़ पाई थी। भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि जो दयनीयता की थी, उसे प्रखरता के रूप में स्थापित करने का जो ऐतिहासिक कार्य प्रारंभ हुआ है, उसे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश स्वत: सराह रहा है।

मोदी सरकार ने गरीबों के हित में अनेक योजनाएं प्रारंभ की। गरीब परिवारों के लिए बैंकों के दरवाजे खुले, उनका बैंक अकाउंट खोला गया। गरीबों  के बैंक अकाउंट को जीवन ज्योति बीमा, जीवन सुरक्षा बीमा और अटल पेंशन योजना के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा कवच से जोड़ा गया। डीबीटी के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि गरीबों की सब्सिडी सीधे उनके ही बैंक खाते में पहुंचे। देश के लगभग एक करोड़ लोगों ने अपनी सब्सिडी छोड़ी, ताकि गरीबों के घरों में सिलेंडर पहुंचाया जा सके। पहल को क्रियान्वित कर सरकार ने लगभग 14000 करोड़ रुपए बचाए, जिसे केंद्र सरकार प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से देश के गरीब परिवारों तक मुफ्त गैस कनेक्शन पहुंचाने का काम कर रही है। 2019 तक मोदी सरकार द्वारा लगभग 6 करोड़ घरों तक मुफ्त गैस कनेक्शन   पहुंचाने की योजना। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 2015-16 में 47,630 करोड़ रुपए सदस्य लाभ और 8200 करोड़ रुपए मासिक पेंशन के रूप में वितरित किए। मोदी सरकार गांवों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा जा रहा है। 2022 तक हर गरीब कोे छत देने की योजना पर काम तेज गति से हो रहा है। देश के हर गांव के विद्युतीकरण पर तेज गति से काम चल रहा है, बिजली खपत कोे कम करने के लिए एलईडी बल्बों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुद्रा बैंक के माध्यम से लाखों-करोड़ों युवाओं को सरकार ने स्वावलंबी बनाने की पहल की है जोे अद्वितीय है। मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना- इन चारों योजनाओं के माध्यम से रोजगार के पर्याप्त अवसर सृजित किए गए हैं। इन योजनाओं का लाभ लेकर लगभग 5 करोड़ लोग स्वरोजगार शुरू कर चुके हैं और अपनी जीविका का निर्वहन कर रहे हैं जो एक महत्वपूर्ण  फैसला है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर भारत-माता की और अथक सेवा करने के लिए जन्मदात्री मां के पास पहुंचकर आशीर्वाद लेंगे, वहीं देशभर में फैले कार्यकर्ताओं पर चाहे वो सक्रिय हों या साधारण सदस्य हों, उन पर राष्ट्रीय, दलीय नैतिक जिम्मेदारी हो जाती है कि वह सरकार की योजनाओं को गांव-गांव, टोला-माजरा, नगर-नगर, टापू-मोहल्ला में ले जाएं और आम नागरिक को यह अहसास कराएं कि नरेंद्र मोदी अपना जन्मदिन नहीं, भारत के 125 करोड़ जन-जन का जन्मदिन सुनहरा हो, सुखमय हो, उस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, यह जिम्मेदारी कार्यकर्ताओं पर न शीर्ष नेतृत्व देगा, न अन्य कोई नेता बल्कि यह जिम्मेदारी, इसलिए लेनी पड़ेगी कि जनता के बीच हम कार्यकर्ता ही जनादेश लेने गए थे। जनादेश मिला तो उसमें एक मौन जनादेश यह भी है कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लिए जा रहे ऐतिहासिक फैसलों को हम सब मिलकर जन-जन तक पहुंचाएं। फैसलों को यहां शब्दों में समेटना कठिन है। देश आज अहसास कर रहा है कि भारत विकसित हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अभिलाषा, आकांक्षा की आपूर्ति के केंद्र हम कार्यकर्ता हैं, उनकी अपने जन्मदिन पर यही अभिलाषा होगी। भारत, भारतीय और भारतीयता सबल और प्रबल बने।

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