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Gagar Men Sagar

विज्ञापनों में आते चर्चित चेहरे

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 2 2016 11:10AM | Updated Date: Sep 2 2016 11:10AM
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-वीना नागपाल

पहले मॉडलिंग एक अलग व्यवसाय होता था। उसके लिए चेहरे अलग होते थे और उनके लिए शरीर सौष्ठव के भी निश्चित मापदंड होते थे जिसे पुरुष और महिला मॉडल पूरी तरह बनाए रखते थे। नामी-गिरामी महिला मॉडल्स को अच्छी खासी धन राशि भी मिलती थी और वह अपने व्यवसाय से संतुष्ट रहती थीं। आजकल अभिनेता व अभिनेत्रियों से लेकर खिलाड़ी तक विज्ञापनों में मॉडलिंग करते नजर आते हैं। चूंकि यह जनता के बीच बहुत जाने-पहचाने व चर्चित चेहरे होते हैं, इसलिए आमजन जिनमें युवाओं की बहुत बड़ी संख्या होती है विज्ञापनों में  इनके द्वारा कही गई बात और दिखाए जाने वाले दृश्यों पर यह बहुत जल्दी विश्वास कर लेते हैं। कहीं बालों की धुलाई के लिए ऐश्वर्या राय बच्चन और अनुष्का शर्मा किसी विशेष ब्रांड की किसी विज्ञापन में प्रशंसा करती दिखाई देती हैं तो कहीं प्रियंका चोपड़ा, जूही चावला और विद्या बालन अपने काले घने केशों की लंबाई व मजबूती के लिए विज्ञापन में एक केश तेल का विज्ञापन करती हैं। वह इस तेल के विज्ञापन में इतने झटके से गर्दन हिलाकर अपने घने-लंबे बालों को लहराती हैं कि कई लड़कियों को यह शत-प्रतिशत विश्वास हो जाता है कि यदि वह वही विशेष तेल लगाएंगी तो यकीनन उनके बाल वैसे ही हो जाएंगे। आजकल चेहरा धोने व साफ करने के फेसवॉश की भरमार हो गई है। इसमें भी चर्चित चेहरे वाली अभिनेत्रियां व खिलाड़ी अपने चेहरे को विशेष फेस वॉश लगाकर पानी के छींटे मारते हुए (धोते हुए) कहीं से छलांग लगाती हुईं और दांतों की सुरक्षा के लिए भी प्रियंका चोपड़ा कूदकर नीचे आकर यह बताती हैं कि फलां टूथ पेस्ट में नीम और नमक शामिल है और उसे यूज कर अपने दांतों की सुरक्षा करें। अरे भाई! प्रियंका चोपड़ा के बताने के बहुत पहले हमारे आदरणीय दादा-नाना व अन्य बुजुर्ग नीम की ही दातुन करते थे। बच्चों को चुस्त, दुरुस्त और सक्रिय रखने के लिए कई हेल्थ डिंÑक्स की विज्ञापन खिलाड़ी करते हैं जिनमें आजकल महिला खिलाड़ी भी शामिल हैं। चंूकि यह सभी चेहरे अति जाने-पहचाने होते हैं, इसलिए उनके द्वारा कही गई बात विश्वसनीय लगती है और अधिकांश संख्या में युवक व युवतियां उन्हें अपनाने लगते हैं। बाजार की ताकतें बहुत मजबूत व शक्तिशाली होती हैं उन्हें पक्के तौर पर यह पता होता है कि किसके द्वारा क्या और कैसे कहलवाने से उनका उत्पाद न सिर्फ बिकने लगेगा बल्कि उसकी बिक्री भी बढ़ जाएगी। एक मल्टी नेशनल कंपनी वाले अपने तथाकथित सौंदर्य बढ़ाने वाले साबुन की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए समयानुसार उस अभिनेत्री (नायिका) को अपने विज्ञापन में लेते हैं जो कि उस समय की सर्वाधिक चर्चित व लोकप्रिय हीरोइन होती है।

अब यह प्रयास किया जा रहा है कि इस प्रकार चर्चित व लोकप्रिय चेहरों वाले विज्ञापनों पर कहीं न कहीं किसी भी प्रकार से रोक लगाई जाए। उपभोक्ताओं की सुरक्षा को किस प्रकार से सुनिश्चित किया जाए और वह भ्रमित होने से बच पाएं। यहां तक कि उपभोक्ता की सुरक्षा के लिए लाए जाने वाले बिल में यह भी सम्मिलित किया जा रहा है कि जो चर्चित चेहरा भ्रामक विज्ञापन करे उसे भी दंड दिए जाने का प्रावधान हो सकता है कि संसद के शरदकालीन अधिवेशन में इस तरह का बिल प्रस्तावित हो और शायद पास भी हो जाए पर, उपभोक्ताओं की अपने स्तर पर जागरूकता बहुत आवश्यक है। अभी तक विश्व में गौरा होना की कोई क्रीम नहीं बन पाई है और न ही किसी ब्लीच से सुनहरी रंगत (जैसा कि सोनाक्षी सिन्हा बताती हैं) पाई जा सकती है कोई एनआरआई आपको पंसद कर ले आपका अपना आत्मविश्वास और सुदृढ़ और व्यक्तित्व ही सारी क्रीमों, साबुन और ड्रिंक्स पर भारी है।

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