24 Apr 2024, 16:18:00 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

-वीना नागपाल

बादल घिरे हों या रिमझिम बारिश हो रही हो तब ऐसे में आसपास के प्राकृतिक स्थानों पर छाई हरियाली अपने पास आने का खुला निमंत्रण देती है। इसके साथ ही यदि पहाड़ियों से गिरते-बहते झरने हों या कोई नदी पानी के बहाव से लबालब भरी उछलती-कूदती बहती जा रही हो तो उसे भी देखने और निहारने के लिए मन लालायित हो उठता है। आजकल तो प्राय: सबके पास अपने-अपने निजी वाहन हैं। वह दोपहिया हों या चार पहिया पर कहीं आने-जाने की सुविधा तो हो जाती है। अपने मित्रों के साथ बारिश के इस मौसम का आनंद उठाने का मजा ही कुछ और होता है, परंतु इसका भरपूर आनंद उठाते-उठाते इसमें असावधानी तो नहीं बरती जाना चाहिए विशेषकर ऐसे में युवा मन बहुत निर्द्वन्द और दु:साहसी हो उठता है। यदि कुछ सावधानी रख ली जाए तो यह मौज-मस्ती एक ऐसी स्मृति बन सकती है जो भविष्य में याद करने पर बहुत स्पंदित कर देती है। जब भी युवा मित्रों के साथ प्रोग्राम बनाएं (जिसमें आजकल युवतियां भी शामिल होती हैं) अकेली और सुनसान जगहों में जाने का दु:साहस न करें। प्राय: बारिश में घने हो गए वृक्षों से भरे जंगल में भी दूर तक भीतर जाने की कोशिश न करें। समय का भी ध्यान रखें कि शाम होते ही व अंधेरा घिरने से पहले-पहले लौटने के लिए समय सुनिश्चित कर लें। इसमें कोई बहादुरी की बात नहीं है कि अपने छद्म आत्मविश्वास के बल पर अधिक समय के लिए ऐसी जगहों पर रुका जाए जो न केवल अपरिचित हों बल्कि वहां तक कोई सहायता पहुंचने में भी समय लगे।

नदी के पानी के प्रवाह अथवा झरने के पानी की थाह पाने की कोशिश न करें। यह उफनता व बहता पानी यद्यपि बहुत आकर्षक व उन्मादी लगता है पर इसका ऊपरी धोखा जानलेवा हो सकता है। बरसाती नदी का पानी कहां से गहरा और कहां से उथला है, इसे समझ पाना कठिन होता है। सबसे मुख्य सावधानी तो यही है कि युवक-युवतिया जब ऐसे जलाशयों को देखते हैं तो अपने उत्साह पर काबू नहीं रख पाते और या तो पानी के बीचों-बीच बनी चट्टानों पर जाकर बैठने की कोशिश करते हैं या बीच जलधारा में जाकर एक-दूसरे पर पानी उड़ाने का खेल-खेलते हैं। इस बीच यदि बरसाती नदी का जलस्तर बढ़ जाए तो यह बहुत खतरनाक हो सकता है। कुछ समय पहले आईआईएम के उन होनहार छात्रों के साथ हुई दुर्घटना भुलाए नहीं भूलती। वह युवक व युवती इसी तरह नदी के बीच की एक चट्टान पर बैठे पानी में पैर डालकर अठखेलियों में मग्न थे कि अचानक नदी का जलस्तर बढ़ा और वह पानी की तेज धारा में बह गए। जब भी युवा अपने मित्रों और साथियों के साथ ऐसे स्थानों पर जाने का प्रोग्राम बनाएं (यह अचानक बनाने से बचें) तब सबसे पहले सुनिश्चित करें कि अपने पेरेंटस को अवश्य बताएं और उन्हें पूरी जानकारी दें कि आप कहां जा रहे हैं, कितने समय के लिए जा रहे हैं और कब लौटेंगे। यदि संभव हो तो उनसे मोबाइल पर चर्चा करते रहें। यदि होस्टल में रहते हैं या किसी के पेइंग गेस्ट हैं तो संबंधितों से चर्चा कर और अपने बारे में पूरी जानकारी अवश्य दें। आजकल के युवाओं में अपने आत्मविश्वास को लेकर अति रंजना होती है। इससे किसी अप्रिय स्थिति में आने पर अन्य की सहायता मिलना कठिन हो जाता है। बारिश की बूंदा-बूंदी जितनी टपर-टपर करती है, उसकी ध्वनि में सावधानी की गूंज भी है।

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