-वीना नागपाल
केरलराज्य के पर्यटन विभाग द्वारा प्रसारित विज्ञापन ने एकदम ध्यान आकर्षित कर लिया। विज्ञापन अंग्रेजी में था। उसको यहां जस का तस प्रस्तुत कर रहे हैं- ‘‘दिस सीजन ब्रिंग अलॉन्ग यूअर पेरेंट्स, ग्रैंड-पेरेंट्स एंड लव्ड वंस फॉर ए मेमोरेबल हॉलिडे इन केरल, चिल आउट विद देम इन द स्पेटेक्यूलर बैक वाटर्स, बीचेस, हिल स्टेशंस एंड फॉरेस्ट्स आॅफ केरल एंड हैव व ग्रेट टाइम टुगेदर-गो अहेड, गेदर एवरी वन।’’ इस विज्ञापन में कही गई मूल बात पर ध्यान दें और गौर करें। केरल के इस विज्ञापन में यह आग्रह किया गया है कि अपने माता-पिता और यहां तक कि अपने दादा-दादी या नाना-नानी को भी साथ लेकर आएं और फिर उनके साथ केरल के दर्शनीय प्राकृतिक सौंदर्य को भरपूर देखें और उसका रसपान करें उनके साथ उन स्थलों को देखने का भरपूर आनंद उठाएं। इस विज्ञापन के साथ एक चित्र भी दिया गया है, जिसमें केरल की सुंदर नाव पर बेटा-बहू, दादा-दादी, पोता-पोती एंजॉय कर रहे हैं। बेटे ने मां के कंधे पर अपना एक हाथ रखा हुआ है और दूसरा हाथ मां का थाम रखा है और बहू खिलखिलाती हुई सुसरजी को पानी में मछली पकड़ने का कांटा डाले हुए देख रही है। पोता-पोती इस पूरे दृश्य का आनंद उठाते हुए केरल के प्राकृतिक बैक वाटर को निहार रहे हैं।
यह भारतीय परिवार का दृश्य है जिसमें केवल पेरेंट्स नहीं बल्कि ग्रैंड-पेरेंट्स भी सम्मिलित होते हैं। केरल के इस विज्ञापन में सुंदर शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा गया है कि अपने ग्रैंड पेरेंट्स को भी लेकर आइए! हमारे परिवारों में पर्यटन में सारा परिवार इकट्ठा होकर जाता है। घर के बुजुर्गों को भी पर्याप्त आदर व सम्मान देकर इस आनंद में शामिल किया जाता है। उन्हें अलग-अलग रखकर कहीं जानें के बारे में सोचा तक नहीं जाता। इसी विचार और मानसिकता का प्रतिनिधित्व यह विज्ञापन करता है।
इसमें बिना कुछ कहे बहुत कुछ कह दिया गया है। भारतीय जीवन पद्धति के मूल्यों और उनको बनाए रखने की बात इसमें ध्वनित होती है। इसी तरह का एक और विज्ञापन एक चार पहिया वाहन का भी है। जिसमें सारा परिवार एक बडे वाहन में गाते-झूमते किसी पर्यटन स्थल पर जा रहा है। सब आनंदित होकर गीत गा रहे हैं। दादी (वह केवल अधेड़ है, वृद्ध नहीं हैं, को भी गीत गाने में शामिल होने के लिए परिवार वाले कहते हैं पर वह झिझक जाती है। थोड़ी देर बाद वह स्वयं को रोक नहीं पातीं और अकेले स्वर में गीत का अंतरा गा उठती हैं और तब पोती अपने आश्चर्य को रोक नहीं पाती और खुशी में ताली बजा उठती है।
भारत का बहुत बड़ा समाज अब भी परिवार की समग्रता में विश्वास करता है। इस तरह के विज्ञापन बहुत सकारात्मक संदेश देते हैं। और संयुक्त परिवारों के उन मूल्यों को बचाए और बनाए रखने की बात की ओर बल देते हैं जिसके केवल लाभ ही लाभ हैं। केरल शासन का पर्यटन विभाग किसी युवा दंपति को या केवल उनके साथ उनके बच्चों को आनंद उठाते हुए दिखाकर अपने प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने का निमंत्रण दे सकता था पर, उसने घर के बुजुर्ग सम्मानित सदस्यों तक जो यह आमंत्रण पहुंचाया है वह मूल्यों को बनाए रखने का संदेश भी है।
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