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Gagar Men Sagar

एक तरफ जिम तो दूसरी तरफ फास्ट फूड

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 8 2016 11:08AM | Updated Date: Jun 8 2016 11:08AM
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-वीना नागपाल

घरों  में सुबह और शाम (वह भी देर शाम) बहुत व्यस्तता का माहौल होता है। युवा व किशोर बेटे-बेटियां जिम जाने की तैयारी में जुटे होते हैं। एक ब्रांडेड बैग में वह अपने जिम के बाद पहने जाने वाले कपड़े (वह भी ब्रांडेड टी शर्ट्स आदि) भर रहे होते हैं। स्पोर्ट्स शूज के लेक्स बांध रहे होते हैं। ठंडे पानी या किसी एनर्जी ड्रिंक का थर्मस तैयार कर रखते हैं और घर का दरवाजा बहुत तेजी से खोलते हुए आवाज लगाते हैं- मॉम मैं जिम जा रही हूं। दरवाजा बंद कर लेना। यह कहते-कहते उनकी बाइक, स्कूटी के स्टार्ट होने की आवाज सुनाई देने लगती है।

जिम जाने के अलावा और भी कई ऐसे तरीके हैं, जिसमें आकर वह स्वेट करते हैं और अपने शरीर को फिट-फाट रहने और करने की बात को लेकर तत्पर रहते हैं। कहीं जुम्बा डांस करने तो कहीं टैंगो डांस करने की क्लासेस चल रही हैं। इन क्लासेस में जाकर देखिए तेज और कान फाड़ू म्यूजिक पर युवक-युवतियां गतिमान डांस करते हुए, झूमते और पसीना बहाते नजर आएंगे। इन क्लासेस में गजब की भीड़ होती है। आजकल तो कुकरमुत्ते की तरह यह क्लासेस हर गली, हर कोने में खुल गई हैं और खूब लाभ में चल रही हैं। खूब मेंबरशिप होती है और युवक-युवतियां इस राशि को भरकर स्वयं को संवारने का पूरा प्रबंध करते हैं।

यहां तक तो बात समझ में आती है और इस पर ऐतराज करने जैसी कोई बात भी नहीं लगती। पर इस बीच में मोबाइल फोन पर ही इन्हें जिम की ट्रेड मील पर चलते-चलते संदेशा आ जाता है कि आज फलां दोस्त या सखी का बर्थडे है और उसने फलां-फलां होटल में पार्टी रखी है। अब इस पार्टी की भी तफ्सील (विस्तार) बता दें। यहां पार्टी रात को ही होती है और देर रात तक चलती है। कभी-कभी जरा जल्दी खत्म होने वाली पार्टी भी होती है। यह फास्ट फूड की होती है, जिसमें पिज्जा, बर्गर, कोल्ड  ड्रिंक्स का खान-पान होता है। देर रात चलने वाली पार्टी का तो कहना ही क्या। उसमें तो ड्रिंक्स और हैवी खाने की कोई सीमा नहीं होती। इस पार्टी के बाद या तो किसी डिवाइडर पर गाड़ी चढ़ जाती है या फिर किसी गड्ढे में गिर जाती है या किसी को रौंद देती है। यह अपने आप में ही अलग विषय है और इस पर बात फिर कभी होगी अभी तो बात पार्टी और जिम जाने को लेकर हो रही है।

समझ से परे है कि हर दूसरे दिन होने वाली इन पार्टियों में शामिल होने तथा फास्ट फूड खाने अथवा ड्रिंक्स करने के बाद जिम जाने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। हम सब जानते हैं कि खान-पान का स्वस्थ शरीर से कितना गहरा संबंध है। इस तरह का आहार हेने के बाद जुंबा  या टैंगो करने से शरीर स्वस्थ रह पाएगा इसमें संदेह है, बल्कि ऐसा आहार लेने से शरीर तो क्या मन व बुद्धि भी सजग व क्रियाशील नहीं रह सकते। फास्ट फूड की गरिष्ठता का पाचन जिम जाने और वहां की जाने वाली कसरत से हो जाएगा इसमें संदेह है।

फास्ट फूड खाना और बार-बार खाना और तब स्वस्थ रहने और शरीर सौष्ठव बनाए रखने में परस्पर विरोधाभास है। दरअसल अच्छे और स्वस्थ आहार के साथ-साथ शारीरिक व्यायाम करने के अलावा स्वस्थ रहने और स्लिम-ट्रिम दिखने का और कोई विकल्प नहीं है। कितना भी जुंबा व टैंगो कर लें और तरह-तरह की मशीनों पर चढ़-उतरकर देख लें यदि लगभग रोज ही किसी न किसी की पार्टी में भी शामिल होना है तो यह अपने स्वास्थ्य के प्रति विश्वासघात होगा और स्वयं को धोखा देने जैसा होगा। जिम जाने को युवक-युवतियों ने फैशन स्टेटमेंट बना लिया है। जो नहीं जाते उन्हें आउट कास्ट समझा जाता है। तेज म्यूजिक पर जुंबा व टैंगो करना आधुनिकता है, फैशन करने जैसा है। दरअसल इसका मकसद भी यही है इससे युवकों का कोई लेना-देना नहीं है कि वह स्वस्थ व चुस्त-दुरुस्त रहते हैं या नहीं?

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