नई दिल्ली। ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तीन तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर अपनी अगली रणनीति आगामी 10 सितम्बर को भोपाल में होने वाली अपनी कार्यकारिणी बैठक में तय करेगा।
टकराव के पक्ष में नहीं बोर्ड
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सतर्कतापूर्ण रूख अपनाते हुए अभी अपने पत्ते नहीं खोले है। बोर्ड ने सरकार के साथ किसी तरह के टकराव और राजनीतिक बहस में पड़ने के पक्ष में नहीं है।
बोर्ड की दलील
बोर्ड के एक वरिष्ठ सदस्य ने कोर्ट के फैसले पर कहा, 'अभी बोर्ड इस फैसले की समीक्षा करेगा। इसके बाद आगे की रणनीति तय होगी। बोर्ड ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान दलील दी थी कि इस मुद्दे पर कानून लाने की जरूरत नहीं है।
नया कानून नहीं लाने के संकेत
उधर, सरकार ने इस मामले में नया कानून नहीं लाने के संकेत दिए है। मंगलवार को केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार इस मसले पर सिलसिलेवार तरीके से विचार करेगी।
गौरतलब है कि तीन तलाक मुद्दे पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट असंवैधानिक बताते हुए कहा- इससे मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन होता है। साथ ही कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरकार 6 महीने में इसे लेकर कानून बनाए।
दो फाड़ में बंटा बोर्ड
कोर्ट के इस फैसले ने तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को जश्न का जहां मौका दिया। वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में दो फाड़ में बंटता नजर आ रहा है। बोर्ड ने कहा है कि अगर सरकार कानून बनाएंगी तो हम अपनी बात रखेंगे।
3:2 की मेजॉरिटी से फैसला
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस जे.एस. खेहर के नेतृत्व में 5 जजों की पीठ ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट में तीन जज इस मुद्दे लेकर को अंसवैधानिक घोषित करने के पक्ष में थे, वहीं 2 दो जज इसके पक्ष में नहीं थे।
पीएम मोदी ने बताया ऐतिहासिक कदम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण और मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार प्रदान करने की दिशा में अहम कदम है।
पहले स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा था, 'मैं उन महिलाओं के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करता हूं जिन्हें तीन तलाक के कारण दुखद जीवन जीना पड़ रहा है। उन महिलाओं ने इसके खिलाफ एक आंदोलन चलाया जिसने इस प्रथा के खिलाफ पूरे देश में एक माहौल तैयार कर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनके अधिकार दिलाने के लिए पूरा देश इन प्रयासों में उनके साथ है।
10 खास बातें
- ट्रिपल तलाक अमान्य, असंवैधानिक और गैरकानूनी
- सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर छह महीने के लिए रोक लगा दी है
- ट्रिपल तलाक कुरान के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ
- जो चीज कुरान के सिद्धांत के खिलाफ है वह जायज नहीं हो सकती
- ट्रिपल तलाक पूरी तरह एकतरफा है और ये खत्म हो
- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 395 पन्नों का फैसला दिया
- कोर्ट ने सरकार से कहा कि वह तीन तलाक पर कानून बनाए
- सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जताई कि केंद्र कानून बनाने में मुस्लिम संगठनों और शरिया कानून का ख्याल रखेगा
- अगर छह महीने में कानून नहीं बना तो तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश जारी रहेगा
- कोर्ट ने इस्लामिक देशों का हवाला देते हुए पूछा कि स्वतंत्र भारत ट्रिपल तलाक से निजात क्यों नहीं पा सकता